आरती श्री भैरव जी की - लिरिक्स हिंदी | Bhairav Baba Aarti

आरती श्री भैरव जी की - लिरिक्स हिंदी में|Jogichandlyrics | सांग लिरिक्स | Hindi Bhakti Song 




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आरती श्री भैरव जी की


जय भैरव देवा प्रभु जय भैरव देवा। 

जय काली और गौरा कृतसेवा ॥


तुम पापी उद्धारक दुःख सिन्धु तारक।

भक्तों के सुखकारक भीषण वपु धारक ।


वाहन श्वान विराजत कर त्रिशूल धारी। 

महिमा अमित तुम्हारी जय जय भयहारी ।


तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होवे।

 चतुर्वतिका दीपक दर्शन दुःख खोवे।


तेल चटकि दधि मिश्रित माषवलि तेरी ।

 कृपा कीजिये भैरव करिये नहिं देरी।


पाँवों घूंघरू बाजत डमरू डमकावत । 

बटुकनाथ बन बालक जन मन हरबवत ।


बटुकनाथ की आरती जो कोई जनगावे।

कहे 'धरणीधर' वह नरमन वांछित फल पावे।

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